सुप्रीम कोर्ट से बाबा रामदेव को एक और बड़ा झटका लगा है l पतंजलि के 14 उत्पादों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं

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उत्तराखंड: सुप्रीम कोर्ट से बाबा रामदेव को एक और बड़ा झटका लगा है l भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगने के बाद अब बाबा रामदेव की पंतजलि आयुर्वेद को एक और बड़ा झटका लगा है l उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि के 14 उत्पादों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं l सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 14 उत्पादों के निर्माण का लाइसेंस रद्द कर दिया है l इनमें हाई बीपी, शुगर, हाई कॉलेस्ट्रोल जैसी कई दवाएं शामिल हैं l

उत्तराखंड सरकार के द्वारा जिन 14 औषधियों के निर्माण का लाइसेंस रद्द किया गया है उनमें ये उत्पाद शामिल हैं :-

  1. – श्वासारि गोल्ड
  2. – श्वासारि वटी
  3. – श्वासारी प्रवाही
  4. – श्वासारि अवलेह
  5. – ब्रोंकोम
  6. – मुक्तावटी एक्सट्रा पावर
  7. – लिपिडोम
  8. – बीपी ग्रिड
  9. – मधुग्रिट
  10. – मधुनाशिनी वटी एक्सट्रा पावर
  11. – लिवामृत एडवांस
  12. – लिवोग्रिट
  13. – आईग्रिट गोल्ड
  14. – पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप

उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए हलफनामे में ये जानकारी दी है l सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया है कि पतंजलि आयुर्वेद उत्पादों के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के कारण कंपनी के लाइसेंस को रोका गया है l इन उत्पादों का निर्माण दिव्य फॉर्मेसी पतंजलि प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग करती है l

राज्य सरकार द्वारा बाबा रामदेव की जिन औषधियों के निर्माण पर रोक लगाई गई है l उनमें ब्लड प्रेशर, शुगर, आई ड्रॉप, खांसी और थाइराइड जैसी बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाएं शामिल हैं l सरकार की ओर से इन सभी दवाइयों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है l इसके साथ ही इनके निर्माण के लिए लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है l

प्रदेश सरकार की ओर से इस आदेश की सभी जिला निरीक्षकों को दे दी गई है l इसके साथ ही केंद्रीय आयुष मंत्रालय को पूरी जानकारी दी गई है l दरअसल पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को कड़ी फटकार लगाई है l कोर्ट ने इस मामले में नाराज़गी जताते हुए माफी मांगने का आदेश दिया था, जिसके बाद पतंजलि आयुर्वेद की ओर से दो अख़बारों में माफीनामा भी छापा गया है l इस मामले में आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है l

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