पूर्व IAS अधिकारी पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली बेल

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झारखंड की निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पूजा सिंघल को जमानत देने से मना कर दिया है। मनरेगा घोटाला मामले में गिरफ्तार पूजा सिंघल ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया है।

झारखंड की IAS अधिकारी रहीं पूजा सिंघल को प्रवर्तन निदेशालय ने 2022 में गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी 11 मई को हुई थी। इसके बाद से वह जेल में बंद हैं। गिरफ्तारी के बाद झारखंड सरकार ने पूजा सिंघल को निलंबित कर दिया था। मनी लाउंडरिंग के आरोपों में घिरीं IAS पूजा सिंघल ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी। उनके वकील ने सुप्रीम कोर्ट में 16 मार्च को दलील दी थी कि पूजा सिंघल 585 दिनों से जेल में बंद हैं। ED ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। चूंकि पूजा सिंघल की तबीयत ठीक नहीं रहती, उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।

पूजा सिंघल के वकील की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ED से जवाब मांगा था। कोर्ट ने ED से कहा था कि वह एक शपथ पत्र दाखिल करे, जिसमें यह बताए कि झारखंड की निलंबित IAS पूजा सिंघल कितने दिनों तक जेल में रहीं हैं। साथ ही यह भी बताने को कहा कि पूजा को कितने दिनों की अंतरिम जमानत अब तक मिली है और कितने दिनों तक वह रिम्स में रहीं।

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय के वकील एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि पूजा सिंघल ने हिरासत अवधि में उन्होंने जेल से ज्यादा समय अस्पताल में बिताए हैं। वह एक प्रभावशाली महिला हैं। अब तक उन्होंने सिर्फ 231 दिन जेल में बिताए हैं। 303 दिन वह अस्पताल में रहीं हैं। अस्पताल में भी उन्हें घूमते देखा जा सकता है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा ऐतराज जताते हुए पूजा सिंघल के वकील से कहा था कि अगर यह सच साबित हुआ, तो हम केस की सुनवाई नहीं करेंगे।

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