साहित्यकार पीयूष कुमार ने काव्या के काव्य संग्रह मेरी आवाज़ अकेली आवारा आज़ाद का विमोचन कार्यक्रम दिया समीक्षा उद्बोधन
रायपुर: गरिमामयी साहित्यिक आयोजन काव्य संग्रह का विमोचन आयोजन में कई छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार उपस्थित थे | साहित्यकारों ने भी किया उद्बोधन | साहित्यकार पीयूष कुमार ने कहा देश के गांव कस्बे से आने वाले नये कवियों में बहुत संभावना है | आज की हिंदी कविताओं में नये बिम्ब और तेवरों के साथ नवोदित कवि आ रहे है | वे आज के गांव, शहर, महानगर, आर्थिकी, सत्ता और टेक्नोलाजी के जटिल संबंधों को समझ कर बेहतर रचनाएँ लिख रहे हैं |
कहते हुए पीयूष कुमार समकालीन हिंदी कविता के बारे में कहते हैं आज के 9- 10 नवयुवा कवियों का जिक्र करूँगा, पराग पावन की कविताएं इस तरह की हैं जिसे उन्होंने मज़बूत मयार दी है | उनकी कविता में जो मज़बूती है वो प्रभावित करती है | इसी तरह छत्तीसगढ़ मूल के कवि वसु गन्धर्व की कविताओं में बहुत संभावनाएं हैं वे गायक भी हैं | उनकी कविताओं में जो कहन की परिपक्वता है वह काव्य जगत में उनकी आगामी लम्बी पारी के लिए आश्वस्त करती है |
काव्या की किताब का विमोचन कार्यक्रम वरिष्ठ कवि गिरीश पंकज, त्रिलोक महावर, डॉ आलोक वर्मा, संजय शाम, नंदन, शीलकांत पाठक आदि के द्वारा किया गया | इस अवसर पर अरुणकांत शुक्ला, नंदकुमार कंसारी, डॉ महेंद्र ठाकुर, मिन्हाज असद, बाळकृष्ण अय्यर, स्मिता अखिलेश, समीर दीवान, डॉ भुवाल सिँह ठाकुर, सुधीर आज़ाद तम्बोली, शेखर नाग आदि की उपस्थिति थी |
भारत में ऐसे कवियों की कविताएं अपने जमीनी यथार्थ की महक के साथ आ रही हैं | पहले इस तरह कवियों को शायद अवसर कम मिलते थे | विहाग वैभव उन्हीं के जुड़वा भाई हैं | दोनों की कविताओं में दर्द और बैचैनी है | मानसी मिश्रा दिल्ली विवि की कविताएं भी अपने सौष्ठव और अभिव्यक्ति में पर्याप्त मज़बूती रखती हैं | समाचार का एक कोना जैसी कविता वरिष्ठ कवि केदारनाथ अग्रवाल की कविता जाना पर केंद्रित है | वह उनकी सूक्ष्म पड़ताल करती, नये रहस्यों का उद्घाटन करती कविता है |
कार्यक्रम का सजग संचालन विनोद तिवारी फाउंडेशन की ओर से स्व विनोद तिवारी की पुत्री ऋचा ने किया, कार्यक्रम के प्रारंभ में बेमेतरा जिले के पिरदा ग्राम की बारूद फैक्ट्री में हुए विस्फोट से अकाल मौत मरने वाले मज़दूरों को दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजली दी गयी | तीन नवोदित कवियों ने अंत में अपनी कविताओं का पाठ किया | खैरागढ़ की पिलेश्वरी साहू, धमतरी से पुजाली पटले और रायपुर से प्रतीक कश्यप ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को प्रभावित किया | अंत में आभार व्यक्त किया।